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wajahatalikhan2
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एक गाँव में एक पुरानी हवेली के पास रहने वाला एक लड़का था। वह लड़का रोज हवेली के नज़दीक जंगल में घूमने जाता था। उसका नाम विक्रम था। विक्रम एक बहादुर और साहसी लड़का था, जो हर रोज़ नए साहसिक काम के लिए तैयार रहता था।
एक रात, जब विक्रम हवेली के पास के गुलशन में घूमने गया, तो उसने अचानक एक अजीब आवाज़ सुनी। वह आवाज़ आती-जाती थी, जैसे कोई कुछ कह रहा हो, फिर चुप हो जाता। विक्रम ने आवाज़ का पता लगाने के लिए उसकी ओर बढ़ते हुए कदम बढ़ाए।
धीरे-धीरे आवाज़ की ध्वनि और प्रभाव बढ़ता गया, और विक्रम ने एक पुराने वृक्ष के नीचे एक छोटी सी गुफा देखी। वह थोड़ी देर के लिए रुका, फिर उसने अपनी बहादुरी को सामने रखते हुए गुफा की ओर बढ़ा।
गुफा के अंदर जाते ही, उसने वहां एक पुरानी किताब देखी। बिना किसी डर के और बिना देर किए, विक्रम ने किताब खोली और पढ़ने लगा।
किताब में अनोखी कहानियाँ और रहस्यमय उपाय थे। विक्रम किताब के पानों में खो गया, भूल गया कि वह किताब किसी भूतों के पूर्वात्मक साधन के रूप में थी।
धीरे-धीरे, उस गुफा के अंदर कुछ अजीब सी आवाज़ आने लगी। धीमे धीमे, एक भयानक भूत उभरा और विक्रम को अपने चंगुल में ले गया। भूत ने उसके सामने डरावनी मुस्कान देखी और उसके पिछवाड़े पर अपने नाखूनों से नकारा किया।
विक्रम की हालत देखकर, गाँव के लोग भाग कर आए। लेकिन जब वे पहुंचे, तो वे सिर्फ एक खाली गुफा ही पाए। भूत की वास्तविकता के साथ, वे बेहद चौंके हुए थे।
उस रात के बाद, विक्रम के चेहरे पर एक नया डरावना साया छा गया था। वह अब कभी भी हवेली के पास के गुलशन में नहीं जाता था। भूत की उस भयानक मुस्कान को अपनी नज़रों से भूलने की कोशिश करता रहा।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी हमारी जिज्ञासा हमें बड़ी मुश्किलों में डाल सकती है, और हमें सतर्क रहना चाहिए कि हम किसी अज्ञात चीज के साथ कैसे व्यवहार कर रहे हैं।

wajahatalikhan2
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एक गाँव में एक पुरानी हवेली के पास रहने वाला एक लड़का था। वह लड़का रोज हवेली के नज़दीक जंगल में घूमने जाता था। उसका नाम विक्रम था। विक्रम एक बहादुर और साहसी लड़का था, जो हर रोज़ नए साहसिक काम के लिए तैयार रहता था।
एक रात, जब विक्रम हवेली के पास के गुलशन में घूमने गया, तो उसने अचानक एक अजीब आवाज़ सुनी। वह आवाज़ आती-जाती थी, जैसे कोई कुछ कह रहा हो, फिर चुप हो जाता। विक्रम ने आवाज़ का पता लगाने के लिए उसकी ओर बढ़ते हुए कदम बढ़ाए।
धीरे-धीरे आवाज़ की ध्वनि और प्रभाव बढ़ता गया, और विक्रम ने एक पुराने वृक्ष के नीचे एक छोटी सी गुफा देखी। वह थोड़ी देर के लिए रुका, फिर उसने अपनी बहादुरी को सामने रखते हुए गुफा की ओर बढ़ा।
गुफा के अंदर जाते ही, उसने वहां एक पुरानी किताब देखी। बिना किसी डर के और बिना देर किए, विक्रम ने किताब खोली और पढ़ने लगा।
किताब में अनोखी कहानियाँ और रहस्यमय उपाय थे। विक्रम किताब के पानों में खो गया, भूल गया कि वह किताब किसी भूतों के पूर्वात्मक साधन के रूप में थी।
धीरे-धीरे, उस गुफा के अंदर कुछ अजीब सी आवाज़ आने लगी। धीमे धीमे, एक भयानक भूत उभरा और विक्रम को अपने चंगुल में ले गया। भूत ने उसके सामने डरावनी मुस्कान देखी और उसके पिछवाड़े पर अपने नाखूनों से नकारा किया।
विक्रम की हालत देखकर, गाँव के लोग भाग कर आए। लेकिन जब वे पहुंचे, तो वे सिर्फ एक खाली गुफा ही पाए। भूत की वास्तविकता के साथ, वे बेहद चौंके हुए थे।
उस रात के बाद, विक्रम के चेहरे पर एक नया डरावना साया छा गया था। वह अब कभी भी हवेली के पास के गुलशन में नहीं जाता था। भूत की उस भयानक मुस्कान को अपनी नज़रों से भूलने की कोशिश करता रहा।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी हमारी जिज्ञासा हमें बड़ी मुश्किलों में डाल सकती है, और हमें सतर्क रहना चाहिए कि हम किसी अज्ञात चीज के साथ कैसे व्यवहार कर रहे हैं।

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